किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
चंदन shiv chalisa in hindi मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
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दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
जय जय Shiv chaisa जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
देवन जबहीं more info जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥